जिला स्तरीय विशाल महिला सम्मेलन सम्पन्न

(मनोज जायसवाल)

प्राथमिक शाला एवं आँगनवाड़ी के बच्चों द्वारा शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।

बालोद(सशक्त पथ संवाद) । अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को जिला मुख्यालय बालोद के टाउन हॉल में जिला स्तरीय विशाल महिला सम्मेलन का आयोजन नव निर्वाचित जनपद पंचायत बालोद की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती टेमरिया के मुख्य आतिथ्य एवं जनपद सदस्य श्रीमती दमयंती हरदेल के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर छतीसगढ़ के राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार’ प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों का पुष्पाहार एवं गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया।

कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति ने नारी शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि आज ही नहीं वरन् साल के पूरे 365 दिन महिला दिवस होता है। सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अप्रतिम संघर्ष एवं उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करते हुए सन् 1975 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया था। यह महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है। यह महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लैंगिक समानता हासिल करने के संघर्ष को भी याद करने का दिन है। आज महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों में अपने अदम्य साहस और कौशल का प्रदर्शन करने में पीछे नहीं है। उनका योगदान शिक्षा, सेवा, खेल, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रशासन, जल-थल-नभ सभी क्षेत्रों में काबिले-तारीफ है। एक कलमकार ने नाते भी मैंने महिला अधिकारों की पुरजोर वकालत करते हुए नारियों पर आधारित 3 काव्य संग्रह और दर्जनों कहानियाँ लिखी है।

मुख्य अतिथि जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती टेमरिया ने समाज के नवनिर्माण में महिलाओं के योगदान के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला। ततपश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि पूरी दुनिया में जननी और जन्मभूमि का स्थान सबसे अग्रणी है। उन्होंने कहा कि महिलाएं शालीनता, वात्सल्य, दया, करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। राष्ट्र, समाज और परिवार के निर्माण में इनका योगदान अतुलनीय है। इस कार्यक्रम के आयोजन में परियोजना अधिकारी श्रीमती खलेश्वरी नाग का सक्रिय योगदान रहा। इस अवसर पर स्थानीय शासकीय प्राथमिक शाला एवं आँगनवाड़ी के बच्चों द्वारा शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए तथा इस प्रस्तुति के लिए उन्हें नगद पुरस्कार प्रदान किए गए।

 

इस अवसर पर महिलाओं के उत्थान एवं कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली जिले की एक दर्जन महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वालों में एडिशनल एसपी मोनिका ठाकुर, जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य दुखिया निषाद, सहायक शिक्षिका भारती टंडन, महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक पदमा साहू, पूर्णिमा साहू, जिला पंचायत की स्टेनो दीपमाला यदु, कंप्यूटर ऑपरेटर ज्योति वर्मा, सखी सेंटर की काउंसलर अमृत तारम, चाइल्ड लाइन की संध्या रामटेके इत्यादि शामिल रहीं।

कार्यक्रम के अवसर पर एडिशनल एसपी मोनिका ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, जिला महिला बाल विकास अधिकारी धीरेंद्र प्रताप सिंह, जिला खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू, तहसीलदार संध्या नामदेव, रक्षित निरीक्षक रेवती वर्मा, परियोजना अधिकारी खलेश्वरी नाग, नीरांजना दिवसे, रेखा देवांगन, संरक्षण अधिकारी नारेंद्र साहू, पर्यवेक्षक गण, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती प्रीति सोनी, अनेक पार्षद, स्व सहायता समूह की महिलाएं एवं बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शानदार संचालन हर्षा देवांगन ने तथा आभार प्रदर्शन जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने किया।

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