कांकेर टॉप 10 अब पढें विस्तार से….
09 अगस्त 2025 शनिवार
✍️मनोज जायसवाल
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संपादकीय—
विश्व आदिवासी दिवस क्यों?
संयुक्त राष्ट महासभा द्वारा आदिवासियों के अधिकारों को बढावा देने संरक्षण को लेकर 09 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में घोषित किया था। जिसकी वर्ष 1982 में शुरूआत हुई थी। अतीत से आज पर्यत तक आदिवासी समाज अपने सामाजिक,आर्थिक के साथ ही प्रकृति के प्रति चुनौतियों का सामना करते आ रहा है,जिसकी रक्षा को लेकर वह कृत संकल्पित भी है। आज हर आदिवासी अपना अधिकार के प्रति जागरूक है। विश्व के साथ ही भारत के छत्तीसगढ प्रांत और इसके बस्तर,सरगुजा में विश्व आदिवासी दिवस की विशिष्टता सबको भाती है,जहां अपनी परंपराओं को अक्षुण बनाये रखने के साथ यह दिवस त्यौहार का वह रूप ले लिया है,जिसका इंतजार प्रति वर्ष रहता है। ना सिर्फ पूजा अर्चना अपितु सांस्कृतिक प्रस्तुतियां सबको भाती है। इस त्यौहारी बेला के मौके पर समाज के बुद्विजीवियों का सबको एकता बनाए रखने का संदेश सामाजिक भातृभाव के साथ समरसता स्थापित करने में महत्वपूर्ण कडी साबित हो रही है।
सामाजिक समरसता कहें कि यह दिवस आज मूल निवासी दिवस के रूप में कांकेर जिले में मनायी जा रही है।
—मनोज जायसवाल
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टीप — खबर लिखे जाने अभी तक हमारे पास किसी अप्रिय घटना दुर्घटना की खबर नहीं है।🙏
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